वैज्ञानिकों ने तिलहन मॉडल ग्राम बामलाया में सरसों की फसल का किया औचक निरिक्षण* *सरसों फसल में समय रहते माहु किट का करें नियंत्रण: डॉ. शर्मा*
रिपोर्टर रवि गोस्वामी सरगुजा

सरगुजा — इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, मैनपाट-सीतापुर के वैज्ञानिक दल द्वारा तिलहन मॉडल ग्राम योजनाअंतर्गत ग्राम बामलाया में लगाये गये सरसों की फसल का औचक निरिक्षण किया। विदित है की रबी मौसम में कृषि विज्ञान केन्द्र मैनपाट के द्वारा इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के कुशल नेतृत्व व निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस. एस. टुटेजा के प्रभावी निर्देशानुसार, केन्द्र प्रमुख डॉ. संदीप शर्मा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत में तिलहन मॉडल ग्राम योजनान्तर्गत प्रभारी डॉ. सी. पी. रहाँगडाले के द्वारा रबी मौसम में ग्राम बामलाया में सरसों का प्रदर्शन लगाया गया हैं। किसानों के खेत में लगी सरसों की फसल की स्थिति का मुवायाना करने केन्द्र प्रमुख डॉ. संदीप शर्मा के साथ अन्य वैज्ञानिकों ने औचक निरिक्षण किया। वैज्ञानिकों ने पाया की सरसों में माहु किट का प्रकोप बहुत ज्यादा हैं। जिसके रोकथाम के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिए गये। डॉ. संदीप शर्मा ने बताया की सरसों की फसल में माहु किट के प्रकोप दिसंबर- जनवरी के माह में अत्यधिक रहता हैं इसलिए किसान भाई समय रहते सरसों में माहु किट का नियंत्रण करें अन्यथा 60% से अधिक फसल नष्ट हो जाती हैं। निरिक्षण के दौरान केन्द्र प्रमुख संदीप शर्मा के साथ केन्द्र अन्य वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप लकड़ा, डॉ. सी. पी. रहाँगडाले, डॉ. सूरज चंद्र एवं डॉ. शमशेर आलम भी उपस्थित रहे।