वैज्ञानिक दल ने तिलहन मॉडल ग्राम व समूह अग्रिमपंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत सरसों व अलसी फसल का किया निरिक्षण*
रिपोर्ट रवि गोस्वामी सरगुजा

सरगुजा- इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, मैनपाट-सीतापुर के द्वारा कुलपति डॉ.गिरीश चंदेल के सफल मार्गदर्शन व निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा के निर्देशानुसार तिलहन फसलों के रकबा व उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रबी मौसम में तिलहन मॉडल ग्राम योजनाअंतर्गत ग्राम बामलाया, तेलाईधार व राजापुर में सरसों का 300 एकड़ रकबे में प्रदर्शन लगाया गया था। वही समूह अग्रिमपंक्ति प्रदर्शन योजनाअंतर्गत ग्राम जजगा व चैनपुर में अलसी को 75 एकड़ रकबे में प्रदर्शन लगाया गया।उक्त फसल प्रदर्शनों के निरीक्षण के लिए निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस. एस. टुटेजा द्वारा तीन सदस्ययी वैज्ञानिक निरिक्षण दल का गठन किया गया। जिसकी अगुवाई इ. गा. कृ. वी. कृषि विस्तार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एम. ए. खान द्वारा की गयी, जिसमे प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विनय समाधिया व वैज्ञानिक डॉ. डी.पी. पटेल सम्मिलित थे। उक्त निरिक्षण दल के द्वारा दिनांक 27.02.2025 को केवीके द्वारा तिलहन मॉडल ग्राम तेलाईधार, बमलाया व राजापुर में लगे सरसों की फसल का निरिक्षण किया। इस अवसर पर ग्राम तेलाईधार व बमलाया में सरसों के खेत में प्रक्षेत्र दिवस भी आयोजित किया गया। डॉ. एम. ए. खान ने किसानों को समस्याओं को जाना एवं किसानों को तिलहन फसलों की उन्नत उत्पादन तकनिकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। तत्पश्चात समूह अग्रिमपंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत ग्राम चैनपुर में लगे अलसी फसल का निरिक्षण किया, जहाँ आयोजित प्रक्षेत्र दिवस के अवसर पर किसानों से चर्चा करते हुए कहाँ की बदलती हुयी जलवायु व पानी की कम उपलब्धता में भी अलसी की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता हैं। निरिक्षण दल के द्वारा कृषकों के खेत में लगे सरसों व अलसी के प्रदर्शन की सराहना की व कृषि विज्ञान केंद्र मैनपाट सीतापुर के वैज्ञानिको को शुभकामनायें प्रेषित किया। समूह अग्रिम पक्ति प्रदर्शन व तिलहन मॉडल ग्राम के निरिक्षण उपरांत निरिक्षण दल द्वारा चलता स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र, मैनपाट-सीतापुर का भ्रमण भी किया गया, जहाँ केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. संदीप शर्मा ने केंद्र के चलता प्रक्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी और प्रक्षेत्र भ्रमण करवाया। उक्त कार्यक्रम में केन्द्र के अन्य वैज्ञानिक श्री प्रदीप कुमार लकड़ा, डाॅ. सूरज चन्द्र पंकज व डॉ. शमशेर आलम उपस्थित रहे।